यूपी में राशन विक्रेताओं को शासन 90 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से कमीशन देती है। यही कोटेदारों की कमाई का जरिया है लेकिन प्रदेश भर में कहीं तीन तो कहीं सात महीने से कमीशन की राशि नहीं मिल पाई है। मुरादाबाद मंडल में तो फरवरी से अब तक का कमीशन नहीं मिला है। मंडल के चार जिलों में ही सिर्फ कमीशन का 14.68 करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है। इसी तरह आगरा में तीन, लखनऊ में सात, अलीगढ़ में साढ़े पांच, मेरठ में दो, गोरखपुर में 16, बस्ती में 5, सिद्धार्थनगर में छह करोड़ रुपये का कमीशन बाकी है।
उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों की तस्वीर ऐसी ही है। कमीशन न मिलने के कारण कुछ जगहों पर कोटेदारों के लिए दुकानों का किराया निकालना भी भारी पड़ रहा है। प्रदेश भर में जिला स्तर पर कोटेदार अपनी समस्या बता चुके हैं। राशन डीलर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि राशन उठान से लेकर राशन की बर्बादी पर होने वाला खर्च वे अपनी जेब से कब तक उठाएंगे। सरकार को जल्द से जल्द कमीशन का भुगतान करना चाहिए। यूपी सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के मुताबिक अप्रैल से जून तक चना, नमक, तेल और चीनी का कमीशन बाकी है।
सिंगल स्टेप डिलवरी लागू होने से पहले अप्रैल व मई माह का 18 रुपए प्रति कुंतल भाड़ा भी बकाया है। अलीगढ़ में रहने वाले आदर्श कोटेदार एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव विजय विक्रम सिंह बताते हैं कि वह जिला पूर्ति अधिकारी से लेकर खाद्य आयुक्त को पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक राशन डीलरों को कमीशन नहीं मिला। सितंबर माह में भी जुलाई माह का खाद्यान्न का वितरण दिया जा रहा है लेकिन स्थिति जस की तस है।
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